- 17 Posts
- 18 Comments
लेकिन नेता वो भी पक्का था पहले उसने मुख्यमंत्री पद से स्तीफा दिया और एक महादलित को को बिठा कर हाथ में रिमोट थाम ली। लेकिन जनता के सामने उसकी असली पोल-पट्टी तब खुली जब उसने लालटेन की रौशनी में तीर मारा। मतलब अपने पुराने विरोधी, जिसे चोर बोल बोल कर वो चुनाव जीता करता था उसी से हाथ मिला लिया। यूँ तो उसने लालटेन की रौशनी में एक तीर से तीन शिकार करने की ठानी। लेकिन देखना ये है की मुस्लिम वोट बैंक जो की लोकसभा चुनाव में संप्रदायिकता से ऊपर उठ चूका था उतनी ऊंचाई तक उसका तीर पहुँचता है या नहीं ? लेकिन दो बातें तो तय है की उसका तीर महादलित वोट-बैंक को बेंध देगा और अब सब जान गए की एक दुसरे को चोर कहने वाले ये दोनों चोर है।
*********************************************************************************************
इस रचना का किसी भी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है। नाम, स्थान, भाव-भंगिमा अथवा चारित्रिक समानताये एक संयोग भर है। राजनैतिक और हास्य व्ययंग का उद्देश्य मनोरंजन और विनोद है। किसी भी राजनैतिक दल, समूह, जाति, व्यक्ति अथवा वर्ग का उपहास करना नहीं। यदि इस लेख से किसी की धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक या व्यक्तिगत भावनाओ को ठेस पहुँचती है तो लेखक को इस गैर-इरादतन नुकसान का अफ़सोस है।
*********************************************************************************************
Read Comments